प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया. ये भगवान हनुमान से संबंधित चार धाम परियोजना के तहत देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाने वाल मूर्ती है. इस कड़ी में यह हनुमान की दूसरी मूर्ति है जो पश्चिम दिशा में है. इसकी स्थापना मोरबी के बापू केशवानंद आश्रम में की गई है. इस मौके पर पीएम ने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं.
इस सीरीज़ की पहली मूर्ति साल 2010 में उत्तर दिशा में यानी शिमला में स्थापित की गई है. दक्षिण दिशा में यह मूर्ति रामेश्वरम में स्थापित की जानी है और इसका काम भी शुरू हो गया है. पीएम ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि हनुमान जी की इस तहर की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग कोने में स्थापित की जा रही है.हम पिछले कई वर्षों से शिमला में हनुमान जी की प्रतिमा देख रहे हैं, आज मोरबी में दूसरी प्रतिमा स्थापित हुई है.
हनुमानजी एक अहम सूत्र
बता दें कि मोरबी में विशाल मूर्ति बनाने का काम 2018 में शुरू हुआ था. कहा जा रहा है कि इसकी लागत 10 करोड़ रुपये है. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं. हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है. हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया. इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं.’
सबका साथ-सबका प्रयास
पीएम मोदी इस मूर्ति का अनावरण करने के लिए दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए जुड़े थे. उन्होंने कहा, ‘इसलिए जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु राम ने सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया. यही तो है सबका साथ-सबका प्रयास, रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है.भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है,यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है.’
रामेश्वरम में 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा
रामेश्वरम में 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की जाएगी. श्री हरीश चंद्र नंदा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट इस मूर्ति की स्थापना करेगा. मूर्ति स्थापित करने के लिए इस साल फरवरी में शिलान्यास किया गया. बाक़ी दो मूर्तियां देश के दूसरे इलाकों में हैं. चौथी मूर्ति के लिए जगह चिह्नित करने की योजना है. ट्रस्ट के मुताबिक पत्थर की मूर्ति का निर्माण मार्च से शुरू होगा और दो साल में काम पूरा होने की उम्मीद है.

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